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Festival : 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है चैत्र नवरात्र,  जानिए कब क्या है ? 

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हिन्दू क्लेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष अर्थात नव संवत्सर प्रारम्भ होने जा रहा है। इसी दिन से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. वहीं महाराष्ट्र में गुडी पडवा भी इसी दिन मनाया जाता है। कहते है की इसे की इसे भारत का नववर्ष भी कहते है।  हालांकि  साल के दो गुप्त और दो नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। कोई भी काम शुरू करने के लिहाज से नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि में नौ दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। अश्विनी नवरात्र के बाद सबसे ज्यादा महत्व चैत्री नवरात्र का है। चैत्र नवरात्र इस बार 2 अप्रैल शनिवार से शुरू होगा और 10 अप्रैल रविवार तक रहेगा। नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों की पूजा की जाती है।   


नौ दिन नौ देवियों की पूजा की जाएगी 

2 अप्रैल, प्रथम नवरात्र को देवी के शैलपुत्री रूप का पूजन किया जाता है। 
3 अप्रैल, नवरात्र की द्वितीया तिथि को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
4 अप्रैल, तृतीया तिथि को देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है।
5 अप्रैल, नवरात्र पर्व की चतुर्थी तिथि को मां भगवती के देवी कूष्मांडा स्वरूप की उपासना की जाती है।
6 अप्रैल, पंचमी तिथि को भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
7 अप्रैल, षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
8 अप्रैल, नवरात्र पर्व की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
9 अप्रैल, अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।
10 अप्रैल नवरात्र पर्व की नवमी तिथि को देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है. सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है।